2025 में अपने प्रोडक्ट को सही लोगों तक पहुंचाना अब केवल विज्ञापन चलाने या सेल लगाने तक सीमित नहीं है। आज के खरीदार ज़्यादा सोच-समझकर निर्णय लेते हैं, प्लेटफ़ॉर्म्स पर प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है, और ध्यान देने का समय कम होता जा रहा है।
इतने सारे विकल्पों के बीच, हर मार्केटिंग तरकीब आज़माने की ज़रूरत नहीं है, बल्कि आपको ऐसी प्रोडक्ट मार्केटिंग रणनीति चाहिए जो आपके बिज़नेस मॉडल के अनुरूप हो और आपके दर्शकों की वास्तविक ज़रूरतों को समझे।
यह गाइड आपको बताएगी कि आज के दौर में प्रोडक्ट मार्केटिंग के सबसे असरदार तरीके कौन से हैं, कंटेंट मार्केटिंग और पेड विज्ञापनों से लेकर सब्सक्रिप्शन मॉडल और सोशल मीडिया रणनीतियों तक।
चाहे आप अभी शुरुआत कर रहे हों या मौजूदा रणनीति को निखारना चाहते हों, ये टिप्स आपको अपने टारगेट ऑडियंस से जुड़ने और उद्देश्यपूर्ण तरीके से आगे बढ़ने में मदद करेंगी।
प्रोडक्ट मार्केटिंग क्या है?
प्रोडक्ट मार्केटिंग एक ऐसी रणनीति (स्ट्रैटेजी) है जो आपके प्रोडक्ट को सही ग्राहकों से जोड़ती है और उन संभावित ग्राहकों (पोटेंशियल कस्टमर्स) को बताती है कि उन्हें इसकी ज़रूरत क्यों है।
यह आम मार्केटिंग (जनरल मार्केटिंग) से ज़्यादा फोकस्ड होती है। जहां आम मार्केटिंग का मकसद ध्यान खींचना (अट्रैक्शन अट्रैक्ट करना) और आपके ब्रांड की कुल जागरूकता (ओवरऑल अवेयरनेस) बढ़ाना होता है, वहीं प्रोडक्ट मार्केटिंग अलग-अलग मुख्य विशेषताओं पर ध्यान केंद्रित करती है।
यह इन मुख्य सवालों के जवाब देती है:
- यह प्रोडक्ट किसके लिए है?
- कस्टमर को इसकी परवाह क्यों करनी चाहिए?
- यह उनकी जिंदगी को कैसे बेहतर बनाएगी?
ई-कॉमर्स एक्सपर्ट ड्रयू सनोकी (Drew Sanocki) का 'थ्री मल्टीप्लायर्स फ़्रेमवर्क (Three Multipliers Framework) प्रोडक्ट मार्केटिंग की ग्रोथ पोटेंशियल को समझने के लिए एक काम का मॉडल है:
- अपने कुल कस्टमर बढ़ाएं: अपने स्टोर से ज्यादा लोगों को खरीदारी कराएं।
- खरीदने की फ़्रीक्वेंसी बढ़ाएं: लॉयल कस्टमर को ज्यादा बार खरीदारी के लिए प्रेरित करें।
- औसत ऑर्डर वैल्यू (AOV) बढ़ाएं: कस्टमर को हर बार ज्यादा खर्च करने के लिए प्रेरित करें।
इन तीनों पर काम करें, और आपका बिज़नेस लगातार और टिकाऊ ग्रोथ (सस्टेनेबल ग्रोथ) देखेगा।
प्रोडक्ट मार्केटिंग की नींव रखना
असरदार प्रोडक्ट मार्केटिंग की शुरुआत एक साफ़-सुथरी नींव से होती है। कैम्पेन लॉन्च करने या बेचना शुरू करने से पहले, एक मज़बूत प्रोडक्ट मार्केटिंग स्ट्रैटेजी के इन तीन ज़रूरी बिल्डिंग ब्लॉक्स पर ध्यान दें।
1. अपने टारगेट ऑडियंस को समझें
प्रोडक्ट मार्केट करने से पहले, आपको यह जानना होगा कि आप किनके लिए मार्केटिंग कर रहे हैं। उनकी क्या समस्याएं हैं? उन्हें खरीदने के लिए क्या प्रेरित करता है? आप अपने टारगेट मार्केट के बारे में जितना साफ़ होंगे, आपकी मार्केटिंग उतनी ही बेहतर ढंग से जुड़ पाएगी।
ग्राहकों से सीधे बात करें, सर्वे भेजें, या ऑनलाइन व्यवहार का विश्लेषण करें। फिर अपनी मार्केट रिसर्च का उपयोग करके अपनी बातचीत, प्रमोशन, और यहाँ तक कि प्रोडक्ट की विशेषताओं को भी आकार दें।
2. अपनी खासियत (यूनिक सेलिंग प्रपोज़ीशन - USP) पहचानें
आपका यूनिक सेलिंग प्रपोज़ीशन (USP) वह चीज़ है जो आपके प्रोडक्ट को सबसे अलग बनाती है। यह एक सीधे से सवाल का जवाब देती है: कोई व्यक्ति आपके प्रतिद्वंद्वी के बजाय आपका प्रोडक्ट क्यों चुने?
अपना USP पहचानने के लिए, सोचें कि आपके प्रोडक्ट को क्या खास बनाता है। क्या यह बेहतर क्वालिटी का है, इस्तेमाल में आसान है, या टिकाऊ तरीके से बनाया गया है? अपने USP को साफ़ तौर पर परिभाषित करें और ग्राहक को बताएं ताकि वे तुरंत समझ जाएं कि आप क्या मूल्य दे रहे हैं।
3. एक मज़बूत ब्रांड पहचान विकसित करें
आपकी ब्रांड पहचान (आइडेंटिटी) ग्राहक को याद रखने में मदद करती है कि आप कौन हैं और आप किसलिए जाने जाते हैं। इसमें आपका लोगो, रंग, डिज़ाइन स्टाइल, बोलने का लहजा और कुल व्यक्तित्व शामिल है।
एक जैसापन (कंसिस्टेंसी) ज़रूरी है. पक्का करें कि हर जुड़ाव (टचपॉइंट)—आपकी वेबसाइट, ईमेल, सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म, पैकेजिंग—वही मज़बूत, यादगार पहचान दिखाए। इस तरह, आपके ग्राहक आपके प्रोडक्ट्स को जहां भी देखेंगे, वे तुरंत पहचान जाएंगे और भरोसा करेंगे।
2026 में अपने प्रोडक्ट को मार्केट करने के 12 सिद्ध तरीके
आपका ग्राहक आधार (कस्टमर बेस) एक बगीचे जैसा है। अगर आप उन संबंधों को संभालते हैं, तो आप न सिर्फ़ ग्राहक को मिलने वाली वैल्यू बढ़ा सकते हैं, बल्कि अपने मार्केटिंग प्रयासों से मिलने वाला रिटर्न भी बढ़ा सकते हैं. उदाहरण के लिए, आपका मुख्य प्रोडक्ट (फ्लैगशिप प्रोडक्ट) शुरुआत में दिलचस्पी जगा सकता है, लेकिन आपकी पूरी प्रोडक्ट लाइन से होने वाली आगे की खरीद (फ़ॉलो-अप परचेज़) और भी ज़्यादा वैल्यू दे सकती है।
वफ़ादार ग्राहकों (लोयल कस्टमर) की वैल्यू भी बढ़ती है. एक बार जब ग्राहक दूसरी बार ख़रीदता है, तो आपको उसे दोबारा आकर्षित (reacquire) करने की ज़रूरत नहीं होती, और वे रेफ़रल प्रोग्राम या ऑनलाइन रिव्यूज के ज़रिए अपने दोस्तों को आपकी दुकान रेकमेंड कर सकते हैं। बार-बार खरीदने वाले (रिपीट बायर्स) ऑनलाइन प्रोडक्ट मार्केटिंग को सफलतापूर्वक सीखने के सबसे अच्छे तरीकों में से एक हैं।
लेकिन रिटेंशन अपने आप नहीं होता। आपको अभी भी सही जगहों पर निवेश करना होगा। इन तीन मुख्य तरीकों से शुरुआत करें।
कस्टमर को बनाए रखने (रिटेंशन) के 3 तरीके
मर्चेंडाइज़: सही प्रोडक्ट दें
ग्राहकों को ऐसे सामानों की ज़रूरत होती है जो उनकी ज़रूरतों के अनुकूल हों। वे उच्च-गुणवत्ता वाले सामान भी चाहते हैं जो उनकी उम्मीदों पर खरे उतरें या उनसे आगे निकल जाएं। अगर आपको कोई सबसे ज़्यादा बिकने वाला प्रोडक्ट मिलता है जिसे ग्राहक बहुत पसंद करते हैं, तो उसे अपनी वेबसाइट पर सबसे आगे रखने के बारे में सोचें। संभावना है कि जो ग्राहक उस प्रोडक्ट को पहले खरीदेंगे, वे और भी खरीदने के लिए वापस आएंगे।
ग्राहक अनुभव: सर्विस को आसान बनाएं
शानदार ग्राहक सेवा का मतलब बहुत ज़्यादा पैसा खर्च करना नहीं है, लेकिन इसका मतलब है अनएक्सपेक्टेड अतिरिक्त चीज़ें देना. यह उतना सरल हो सकता है जितना कि जब आपके ग्राहक को आपकी ज़रूरत हो तो उपलब्ध रहना या किसी भी ऑर्डर पर मुफ़्त रिटर्न की पेशकश करना।
मार्केटिंग: ग्राहक को एंगेज रखें
आपको सही समय पर सही ग्राहक के लिए सही मार्केटिंग की ज़रूरत होगी। कुछ तरीके जिनका आप इस्तेमाल कर सकते हैं:
- एफ़िलीएट प्रोग्राम
- वापस जीतने वाले ईमेल कैम्पेन
- लाइफ़ साइकल मार्केटिंग
- लॉयल्टी प्रोग्राम
- लिमिटेड एडिशन ड्रॉप्स का शेड्यूल जो ग्राहकों को वापस लाता रहे
अभी, आइए कस्टमर रिटेंशन मार्केटिंग पर क्लोजर लुक डालते हैं। ग्राहक ऑर्डर की फ़्रीक्वेंसी बढ़ाने के लिए, आपको एक खास मार्केटिंग प्लान की ज़रूरत होगी। कई आम और असरदार प्रोडक्ट मार्केटिंग रणनीतियाँ हैं जिनका आप उपयोग कर सकते हैं।
1. लॉयल्टी प्रोग्राम शुरू करें
लॉयल्टी प्रोग्राम खास फ़ायदे देकर और लंबे समय तक जुड़ाव बनाकर ग्राहकों को वापस आने का कारण देते हैं।
हाल के सर्वे से पता चलता है कि 79% ग्राहक मज़बूत लॉयल्टी प्रोग्राम वाले ब्रांड की सिफ़ारिश करने की ज़्यादा संभावना रखते हैं, और 85% ग्राहक कहते हैं कि वे उस ब्रांड से खरीदारी जारी रखने की ज़्यादा संभावना रखते हैं।
लॉयल्टी प्रोग्राम मुफ़्त में शामिल होने के लिए हो सकते हैं या एक-बार या बार-बार लगने वाले शुल्क के ज़रिए हासिल किए जा सकते हैं। उदाहरण के लिए, स्पोर्ट्स के कपड़े बेचने वाले रिटेलर Altitude Sports के सदस्य $34.99 की लाइफ़टाइम सदस्यता शुल्क देते हैं। सदस्यों को हर सामान पर 5% की छूट, खास सेल, और सभी ऑर्डर पर मुफ़्त रिटर्न जैसे फ़ायदे मिलते हैं।
या फिर, मुफ़्त लॉयल्टी प्रोग्राम में पॉइंट सिस्टम का इस्तेमाल कर सकते हैं, जिसमें ग्राहक हर ख़रीद पर पॉइंट कमाते हैं, फिर उन पॉइंट को अलग-अलग पॉइंट लेवल पर इनाम के लिए भुनाते हैं। अन्य इनाम प्रोग्राम, जैसे कपड़े बेचने वाली कंपनी Girlfriend Collective का प्रोग्राम, पॉइंट और फ़ायदे दोनों देते हैं, जैसे ऑर्डर पर छूट।
लॉयल्टी प्रोग्राम असरदार हैं, क्योंकि वे ग्राहक को आपकी ऑनलाइन दुकान पर वापस आने की वजह देते हैं। चाहे वह मुफ़्त उपहार के लिए जमा किए गए पॉइंट का इस्तेमाल करना हो, मुफ़्त शिपिंग पाना हो, या ख़रीद की क़ीमत पर कुछ प्रतिशत छूट मिलना हो, लॉयल्टी प्रोग्राम ग्राहकों को वापस लाते रहते हैं।
अपनी ग्राहक वफ़ादारी रणनीति के निवेश पर रिटर्न (ROI) को मापने के लिए, ज़रूरी मेट्रिक्स पर नज़र रखें, जैसे बार-बार ख़रीद की दर, औसत ऑर्डर वैल्यू, और ग्राहक लाइफ़टाइम वैल्यू। आप नामांकन दरों और इनाम के लिए भुनाने की दरों का भी विश्लेषण कर सकते हैं। अपना लॉयल्टी प्रोग्राम शुरू करने से पहले और बाद में इन पैमानों की तुलना करना आपको साफ़ दिखाता है कि यह कितना अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और कहाँ आपको बदलाव की ज़रूरत हो सकती है।
Loyalty apps आपके प्रोग्राम को ऑटोमेट कर सकते हैं और ग्राहक को वापस आने के लिए प्रोत्साहित करने में मदद कर सकते हैं।
2. ईमेल 'विन-बैक' कैम्पेन (विन-बैक कैम्पेन) बनाएं
ईमेल उन गंभीर ख़रीदारों के लिए एक लाइफ़लाइन है जिन्होंने पहले ही ख़रीदारी की है, जो इसे बार-बार ख़रीद को बढ़ावा देने के लिए एक बेहतरीन माध्यम बनाता है। आपकी प्रोडक्ट मार्केटिंग रणनीति के लिए सबसे कीमती ईमेल सीरीज़ में से एक को विन-बैक कैम्पेन कहा जाता है।
विन-बैक कैम्पेन एक तरह की लाइफ़ साइकिल मार्केटिंग है, जिसे खरीद के बाद की स्टेज पर ग्राहक को फिर से जोड़ने के लिए डिज़ाइन किया गया है। विन-बैक कैम्पेन के मामले में, ग्राहक खरीद के बाद की स्टेज पर होता है, इसलिए उन्हें भेजने के लिए सही संदेश वह है जो वापस आने को प्रोत्साहित करे।
ये कैम्पेन खास तौर पर असरदार होते हैं। 45% सब्सक्राइबर जिन्हें विन-बैक ईमेल मिलते हैं, वे भविष्य में आपके ब्रांड के ईमेल खोलते हैं। McKinsey ने यह भी पाया कि लक्षित बिक्री को 1% से 2% लक्षित प्रमोशन को बढ़ा सकते हैं और मुनाफ़े को 3% तक बेहतर बना सकते हैं।
Drew Sanocki इस तरीक़े को "वन-टू पंच" कहते हैं, क्योंकि यह पहली-बार के ग्राहक को बार-बार ख़रीदने वाले ग्राहक में बदलने को प्रेरित करता है।
विन-बैक कैम्पेन कैसे काम करती है:
पहचानें कि विन-बैक ईमेल मार्केटिंग कैम्पेन किसे लक्षित करती है
पहली-बार ख़रीदने वाले ग्राहक को लक्ष्य करने के लिए विन-बैक ईमेल कैम्पेन सेट करना मानक है। पहला ईमेल पहली-बार के ग्राहक की ख़रीद के 30 दिन बाद भेजने के लिए सेट करें, अगर उन्होंने उस समय के दौरान दूसरी ख़रीद नहीं की है।
हर अगला ईमेल आपके पहली-बार के ग्राहक की उस सूची को भेजा जाएगा। आपको ऐसे नियम भी सेट करने होंगे जो इस ईमेल विन-बैक सीरीज़ के दौरान किसी भी समय ख़रीद करने वाले व्यक्ति को हटा दें।
विन-बैक सीरीज़ में चार मुख्य ईमेल शामिल होने चाहिए:
Email #1: प्रोडक्ट सजेस्ट करें
पहला ईमेल ग्राहक की पिछली ख़रीद के हिसाब से कोई सामान सुझाता है—अभी कोई ऑफ़र या छूट नहीं, बस एक ख़ास (आप ही के लिए बना) सुझाव। यह चीज़ आपके मुख्य कलेक्शन का हिस्सा हो सकती है, या शायद आप सीमित संस्करण वाले सामान को लेकर थोड़ी उत्सुकता जगाना चाहते हों। इस पहले ईमेल में कोई कूपन कोड नहीं दिया जाता; बल्कि, यह ग्राहक को आपके दूसरे सामानों/चीज़ों के बारे में याद दिलाने या उन्हें लुभाने की कोशिश करता है।
Email #2: छोटा प्रोमो कोड ऑफ़र करें
पहले ईमेल के 30 दिन बाद भेजा जाने वाला दूसरा ईमेल ग्राहकों को एक छोटा प्रमोशनल ऑफ़र देता है, जैसे 10% की छूट या उनके अगले ऑर्डर पर फ्री शिपिंग।
इसका मक़सद है कि जो यूज़र्स पहले ईमेल पर रेस्पॉन्ड नहीं कर पाए थे, उन्हें हल्के डिस्काउंट के ज़रिए दोबारा एंगेज किया जाए।
Email #3: बड़ा प्रोमो कोड ऑफ़र करें
दूसरे ईमेल के 30 दिन बाद भेजा जाने वाला तीसरा ईमेल थोड़ा बड़ा ऑफ़र देता है, यानी पिछले ऑफ़र से 15% अधिक आकर्षक।
उदाहरण के लिए, यह 25% की छूट या 15% ऑफ़ के साथ फ्री शिपिंग जैसी डील हो सकती है।
इसका उद्देश्य है कि अब तक कन्वर्ट न हुए यूज़र्स को एक स्ट्रॉन्ग इंसेंटिव देकर ख़रीदारी के लिए प्रेरित किया जाए।
Email #4: सर्वे भेजें
यह ईमेल ग्राहक की पहली ख़रीद के पूरे 120 दिन बाद भेजने के लिए सेट किया जाना चाहिए। इसमें कोई और ऑफ़र (offer) हो सकता है, लेकिन चूँकि इसे कई महीनों तक नहीं भेजा जाएगा, इसलिए यह आपके ग्राहक से यह पूछने का सही समय है कि क्या उन्हें अभी भी आपकी दुकान में दिलचस्पी है।
अगर अब उन्हें दिलचस्पी नहीं है, तो आप ईमेल में एक सर्वे डाल सकते हैं, जिसमें पूछा जाए कि वे अपना मन क्यों बदलेंगे (या उन्हें मन बदलने के लिए क्या चाहिए)।
ऐसे सर्वे आपको ग्राहकों के अनुभव को बेहतर ढंग से समझने में मदद करते हैं, जिससे आप यह पक्का कर सकते हैं कि आप अपने ब्रांड को बेहतर बनाने के लिए सही सवाल पूछ रहे हैं।
जो ग्राहक सक्रिय नहीं हैं, उन्हें सदस्यता से हटाना न भूलें
अपनी ईमेल सीरीज़ के आख़िर में, उस हर व्यक्ति को अपने-आप हटा दें जिसने पिछले 60 दिनों में आपका कोई ईमेल खोला न हो। अगर आप आख़िरी सर्वे वाला ईमेल भेजते हैं, तो पाने वालों को बाहर निकलने का विकल्प ज़रूर दें। अपनी ईमेल लिस्ट को साफ़ रखने से ईमेल की डिलीवरी बेहतर होती है और आपके ब्रांड की इज़्ज़त भी बची रहती है।
अगर आपको लगता है कि यह आपके बिज़नेस के लिए सबसे अच्छा तरीक़ा नहीं है, तो इस विन-बैक कैम्पेन के लिए ईमेल का इस्तेमाल करना ज़रूरी नहीं है। आप दूसरे विकल्प भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसे वेबसाइट पर आने वाले पॉप-अप, पेड मीडिया, डायरेक्ट-मेल पोस्टकार्ड, जो भी आपको लगे कि आपके ग्राहक को सबसे ज़्यादा पसंद आएगा।
ज़ीरो-पार्टी डेटा के साथ विन-बैक कैंपेन को पर्सनलाइज़ करें
ज़ीरो-पार्टी डेटा — मतलब वो बातें जो ग्राहक अपनी मर्ज़ी से बताते हैं — का इस्तेमाल करके अपने विन-बैक ईमेल्स को और बेहतर बनाइए।
मान लीजिए, कोई आपकी ईमेल लिस्ट में जुड़ता है या किसी सर्वे में जवाब देता है, तो उनसे सीधा उनकी इंटरेस्ट्स या प्रोडक्ट प्रेफरेंसेज़ के बारे में पूछिए।
फिर, उसी जानकारी के हिसाब से उन्हें ऐसा कॉन्टेंट या स्पेशल ऑफ़र भेजिए जो उनकी पसंद से मेल खाए।
सही तरीके से किया जाए तो ये पर्सनलाइज़्ड अप्रोच आपकी क्लिक-थ्रू रेट और कन्वर्ज़न रेट दोनों बढ़ा सकती है।
प्रो टिप: Shopify के मार्केटिंग ऑटोमेशन टूल से ज़्यादा कस्टमर तक पहुँचिए, समय और पैसे बचाइए, और अपनी सेल्स को बूस्ट कीजिए।।
ऐसे ईमेल्स भेजिए जो सच में सेल्स ड्राइव करें।
रेडी-मेड यानी प्री-बिल्ट ईमेल टेम्पलेट्स से अपनी मार्केटिंग की शुरुआत कीजिए — इनमें ट्रांज़ैक्शनल, प्रमोशनल, और लाइफ़सायकल मैसेजेज़ शामिल हैं, जो आपके स्टोर या ब्रांड लॉन्च के लिए बनाए गए हैं।
3. ईमेल या SMS साइन-अप कूपन कोड भेजें
ग्राहकों को जोड़कर रखने (retention) का एक बढ़िया तरीका है — जब वो आपकी ईमेल लिस्ट या टेक्स्ट मैसेज लिस्ट में साइन-अप करें, तो उन्हें कोई डिस्काउंट ऑफ़र दीजिए।
एक ओम्नीचैनल मार्केटिंग अप्रोच अपनाइए — यानी ईमेल और एसएमएस दोनों को साथ में इस्तेमाल कीजिए ताकि कस्टमर तक हर प्लैटफ़ॉर्म पर पहुँचा जा सके और कन्वर्ज़न बढ़े।
अगर आपको समझ नहीं आ रहा कि एसएमएस मार्केटिंग की शुरुआत कैसे करें, तो Shopify का प्लग-इन Postscript ट्राय करें।
ध्यान जल्दी खींचने के लिए अपने होमपेज पर एक पॉप-अप लगाइए। साइन-अप बढ़ाने के लिए कोई एक्सक्लूसिव परक ऑफ़र करें — जैसे फ्री शिपिंग या कस्टमर के पहले ऑर्डर पर 10% ऑफ़।
जब कोई आपकी मेलिंग लिस्ट में शामिल हो जाए, तो उसे कूपन कोड के साथ एक वेलकम ईमेल भेजिए।
अगर सब्सक्राइबर एक-दो दिन में खरीदारी नहीं करता, तो एक फ्रेंडली एसएमएस रिमाइंडर भेजिए — बताते हुए कि उसका डिस्काउंट अभी भी वेट कर रहा है।
यह इंटीग्रेटेड अप्रोच आपके ब्रांड को टॉप-ऑफ़-माइंड रखती है, हर चैनल पर अटेंशन खींचती है और इस बात की संभावना बढ़ाती है कि कस्टमर सच में एक्शन लेंगे।
4. शेड्यूल पर नए प्रोडक्ट्स रिलीज़ करें
अगर आप नए प्रोडक्ट्स को प्रमोट करने के लिए आइडिया ढूंढ रहे हैं, तो हर हफ़्ते या महीने के एक ही दिन नए प्रोडक्ट लॉन्चेज़ शेड्यूल करने पर सोचिए।
जब कस्टमर को नए ड्रॉप की तारीख़ पता होती है, तो उनके आपकी वेबसाइट पर आकर देखने या कम से कम अनाउंसमेंट ईमेल खोलने के ज़्यादा चांस रहते हैं — ताकि वो जान सकें, “इस बार क्या नया आया है?”
उदाहरण के तौर पर, जब फाइन ज्वेलरी शॉप Mejuri ने शुरुआत की थी, तब वो हर हफ़्ते नए प्रोडक्ट्स ड्रॉप किया करता था।
जिज्ञासु कस्टमर और नए शॉपर्स, दोनों के लिए इसने खूब एक्साइटमेंट बढ़ाई। हर नया “मंडे ड्रॉप” वेबसाइट के होमपेज पर और साथ ही टाइम पर भेजे गए अनाउंसमेंट ईमेल में फीचर होता था।
और ज़्यादा एंटिसिपेशन बनाने के लिए, रिलीज़ डेट से पहले ही अपने लॉन्च को प्रमोट करना शुरू करें।
अपने ऑडियंस को सोशल मीडिया पर स्नीक पीक्स दिखाएँ, अपने ईमेल न्यूज़लेटर में आने वाले प्रोडक्ट्स को टीज़ करें, या कुछ बिहाइंड-द-सीन कंटेंट शेयर करें जो हल्का-सा इशारा दे कि “क्या आने वाला है।”
यह प्री-लॉन्च फेज़ एक बेहतरीन मौका होता है क्विज़ेज़ या वेटलिस्ट्स के ज़रिए ज़ीरो-पार्टी डेटा इकट्ठा करने का और अपने ऑडियंस को कन्वर्ज़न के लिए तैयार करने का।
5. सब्सक्रिप्शन मॉडल बनाएं
सब्सक्रिप्शन सिर्फ़ एक फुलफ़िलमेंट मॉडल नहीं है, ये एक तरह की कस्टमर लॉयल्टी स्ट्रैटेजी भी है, जो आपको प्रीडिक्टेबल और रिकरिंग रेवेन्यू कमाने में मदद करती है।
जब आप अपने कस्टमर को सब्सक्राइब करने का विकल्प देते हैं, तो आपके प्रोडक्ट्स रोज़मर्रा की ज़रूरतों की तरह दिखने लगते हैं।
बिलकुल सही है, सब्सक्रिप्शन बिज़नेस मॉडल बनाना बाकी मार्केटिंग टैक्टिक्स से थोड़ा ज़्यादा काम मांगता है, लेकिन ये लगातार आने वाले कस्टमर और रेवेन्यू दोनों के लिए बेहद असरदार तरीका है।
अगर आपके प्रोडक्ट को रीफ़िल्स की ज़रूरत होती है, तो आप ऐसा सब्सक्रिप्शन मॉडल बना सकते हैं जो तयशुदा शेड्यूल पर अपने आप रिन्यू हो जाए।
इससे कस्टमर को न तो बार-बार आपके स्टोर पर जाना पड़ेगा, न ही याद रखना होगा कि उनका स्टॉक ख़त्म हो रहा है क्योंकि रीफ़िल तो पहले ही पहुँच जाएगा।
उदाहरण के लिए, Fresh Patch पेट ओनर्स को हाइड्रोपोनिकली ग्रोन ग्रास पैचेज़ बेचता है। कंपनी की कुल रेवेन्यू का लगभग 80% हिस्सा सब्सक्रिप्शन्स से आता है।
अगर आपकी कंपनी रीफ़िल्स नहीं दे सकती, तो आप कस्टमर को हर महीने मिलने वाले प्रोडक्ट बंडल्स का सब्सक्रिप्शन ऑफ़र कर सकते हैं।
जैसे Package Free ये ब्रांड इको-फ्रेंडली होम और बॉडी केयर प्रोडक्ट्स बेचता है, और अपने शॉपर्स को बड़ी रेंज में से खुद के सब्सक्रिप्शन बंडल्स बनाने की आज़ादी देता है।
अपने सब्सक्रिप्शन मॉडल को बढ़ाने के लिए, इन ज़रूरी एनालिटिक्स को ट्रैक करें:
- चर्न रेट: कितने कस्टमर समय के साथ अपना सब्सक्रिप्शन कैंसल करते हैं।
- एवरेज सब्सक्रिप्शन लेंथ: एक कस्टमर औसतन कितने समय तक सब्सक्राइब्ड रहता है।
- कस्टमर लाइफ़टाइम वैल्यू: एक सब्सक्राइबर कुल कितना रेवेन्यू लाता है।
इन इनसाइट्स की मदद से आप अपनी प्राइसिंग, बंडलिंग स्ट्रैटेजीज़, या परक्स को टेस्ट कर सकते हैं, ताकि कैंसलेशन्स कम हों और लॉन्ग-टर्म लॉयल्टी बढ़े।
6. Mean, Median और Mode को अपने फ़ायदे के लिए इस्तेमाल करें
अगर आप अपने एवरेज ऑर्डर वैल्यू (AOV) को बढ़ाते हैं, तो इससे आपका रेवेन्यू भी आसानी से बढ़ सकता है और ये उतना मुश्किल नहीं है जितना लगता है।
AOV को ध्यान में रखकर एक असरदार स्ट्रैटेजी बनाने के लिए, पहले ये समझना ज़रूरी है कि आपके ऑर्डर्स का मीन, मीडियन, और मोड क्या है, साथ ही, क्रॉस-सेल और अपसेल कैसे किया जाए।
चलिए, पहले इन टर्म्स को एक बार फिर याद कर लेते हैं, जिन्हें शायद आपने आख़िरी बार चौथी क्लास की मैथ्स क्लास में सुना होगा
- मीन (Mean): यानी एवरेज ऑर्डर वैल्यू — पारंपरिक AOV
- मीडियन (Median): सभी ऑर्डर वैल्यूज़ का बीच वाला नंबर
- मोड (Mode): वो ऑर्डर वैल्यू जो सबसे ज़्यादा बार आती है
अब चलिए हमारे डेमो स्टोर Kinda Hot Sauce के ऑर्डर्स का मीन, मीडियन, और मोड देखते हैं।
जैसा कि उस चार्ट से पता चलता है, मीन ऑर्डर वैल्यू (या एवरेज ऑर्डर वैल्यू) $24 है, जबकि सबसे कॉमन ऑर्डर वैल्यू (मोड) सिर्फ $15 है।
अब ध्यान देने वाली बात यह है कि मीन अक्सर आउटलायर्स (बहुत ज़्यादा या बहुत कम ख़रीदारी वाले ऑर्डर्स) की वजह से स्क्यूड हो जाता है, जबकि मोड ये दिखाता है कि ज़्यादातर कस्टमर असल में कितना खर्च करते हैं।
इसलिए, जब आप अपना AOV बढ़ाने की सोच रहे हों, तो मोड पर ध्यान देना ज़्यादा समझदारी भरा होता है — क्योंकि यही वो नंबर है जिसे बढ़ाना असली टारगेट होना चाहिए।
कई बिज़नेस ये ट्रिक अपनाते हैं, वे अपनी सबसे कॉमन ऑर्डर वैल्यू से थोड़ा ऊपर फ्री शिपिंग ऑफ़र करते हैं ताकि AOV अपने आप बढ़ जाए।
उदाहरण के लिए, चूंकि Kinda Hot Sauce पर $15 सबसे ज़्यादा आने वाली ऑर्डर वैल्यू है, तो ये शॉप $25 से ज़्यादा के ऑर्डर्स पर फ्री शिपिंग ऑफ़र कर सकती है।
7. क्रॉस-सेल और अपसेल स्ट्रैटेजिज़ को बेहतर बनाएं
अगर फ्री शिपिंग आपके मार्जिन्स के हिसाब से सही इंसेंटिव नहीं है, तो AOV बढ़ाने के और भी कई आसान तरीके हैं, जैसे क्रॉस-सेलिंग और अपसेलिंग।
क्रॉस-सेलिंग (Cross-selling) तब होती है जब आप कस्टमर को उनके चुने हुए प्रोडक्ट के साथ कोई कंप्लिमेंट्री आइटम लेने का सुझाव देते हैं।
जैसे अगर किसी ने फोन खरीदा है, तो आप उन्हें फोन कवर या स्क्रीन गार्ड लेने की सलाह दें।
ऐसे सुझाव कार्ट या चेकआउट पेज पर सबसे अच्छा काम करते हैं (बिलकुल वैसे ही जैसे स्टोर में बिलिंग काउंटर के पास छोटे-छोटे आइटम रखे होते हैं जिनसे शॉपर गुजरता है)।
SellUp इस तरह की क्रॉस-सेलिंग के लिए एक बढ़िया Shopify ऐप है।
अपसेलिंग (Upselling) तब होती है जब आप कस्टमर को उसी प्रोडक्ट का हायर-एंड वर्ज़न लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
जैसे अगर कोई बेसिक मॉडल देख रहा है, तो आप उन्हें प्रीमियम मॉडल के फीचर्स दिखाकर खरीदने के लिए motivate करें।
ये तरीका प्रोडक्ट पेज पर ज़्यादा असरदार होता है, ख़ासकर तब, जब कस्टमर ने अभी खरीदने का फ़ैसला नहीं किया हो।
क्रॉस-सेलिंग और अपसेलिंग इसी सोच पर आधारित हैं कि अगर आपके पास कोई वाक़ई कम्पेलिंग प्रोडक्ट है, तो आपके लगभग 10%–20% कस्टमर औसत कस्टमर से ज़्यादा खर्च करने के लिए तैयार होते हैं।
आपका काम है यह समझना कि उन्हें क्या चाहिए और उन्हें "हाँ" कहना आसान बनाना।
इसके बाद आप टूल्स की मदद से अपसेल और क्रॉस-सेल सजेशन्स को ऑटोमेट कर सकते हैं, या फिर ईमेल, फ़ोन, या लाइव चैट जैसे दूसरे चैनलों के ज़रिए अपने प्रोडक्ट प्रमोट कर सकते हैं।
ट्रेडिशनल कस्टमर एक्विज़िशन मेथड्स में शामिल हैं:
- पेड सोशल मीडिया ऐड्स
- कॉन्टेंट मार्केटिंग
- सर्च इंजन ऑप्टिमाइज़ेशन (SEO)
- प्रेस रिलीज़ेस
- इन्फ़्लुएंसर मार्केटिंग
- कन्वर्ज़न रेट ऑप्टिमाइज़ेशन
- ईमेल साइन-अप प्रोमो कोड्स
जो भी तरीका अपनाएँ, कोशिश करें कि आपकी मार्केटिंग उस ऑडियंस सेगमेंट पर फोकस करे जो ज़्यादा स्पेंडिंग टेंडेंसी रखता है।
और हाँ बेहतर नतीजों के लिए AI-पावर्ड प्रोडक्ट रिकमेंडेशन्स को इंटीग्रेट करें।
ऐसे AI-ड्रिवन रिकमेंडेशन इंजन कस्टमर के बिहेवियर और प्रेफरेंसेज़ को एनालाइज़ करके उन्हें वही प्रोडक्ट सुझाते हैं जो उनकी इंटरेस्ट्स से मेल खाते हों।
क्रॉस-सेल और अपसेल स्ट्रैटेजिज़ के लिए बेहतरीन प्रैक्टिसेज़
- स्ट्रैटिज़िक प्लेसमेंट: क्रॉस-सेल ऑफ़र्स को कार्ट या चेकआउट पेजेज़ पर और अपसेल सजेशन्स को प्रोडक्ट पेजेज़ पर रखें।
- पर्सनलाइज़ेशन: कस्टमर के डेटा का इस्तेमाल करके उनकी पसंद के अनुसार सजेशन्स दिखाएं।
- फ़ायदा साफ़-साफ़ दिखाएं: सुनिश्चित करें कि सुझाए गए प्रोडक्ट्स, कस्टमर के चुने हुए प्रोडक्ट के लिए कोई स्पष्ट फ़ायदा या एन्हांसमेंट पेश करें।
- A/B टेस्टिंग: अलग-अलग तरीकों को नियमित रूप से टेस्ट करें ताकि पता चले कि आपके ऑडियंस के साथ क्या सबसे अच्छा काम करता है।
8. पेड मार्केटिंग से शुरुआत करें
2026 में पेड मार्केटिंग अब भी प्रोडक्ट वेलिडेशन और स्केलेबल ग्रोथ के लिए सबसे मज़बूत तरीकों में से एक है।
मुख्य चैनल्स में शामिल हैं:
- सोशल मीडिया एडवरटाइजिंग
- इन्फ़्लुएंसर पार्टनरशिप्स
- सर्च इंजन मार्केटिंग (SEM)
- एट्रिब्यूशन टूल्स के ज़रिए ROI मापना
सोशल मीडिया एडवरटाइजिंग
2025 में सोशल मीडिया ऐड स्पेंडिंग करीब $276.7 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है जो सभी डिजिटल एडवरटाइजिंग का लगभग 30% हिस्सा है।
Instagram और Pinterest जैसे प्लेटफ़ॉर्म्स पर अब बेहद सटीक टार्गेटिंग ऑप्शन्स हैं, जिससे आप अपने चुने हुए डेमोग्राफ़िक्स तक आसानी से पहुँच सकते हैं।
आप चाहें तो अपने सोशल ऐड्स खुद सेट कर सकते हैं, या किसी एजेंसी के साथ काम कर सकते हैं जो आपके लिए ऐड डिज़ाइन, कॉपीराइटिंग, और सही चैनल प्लेसमेंट का काम संभाल ले।
इन्फ़्लुएंसर मार्केटिंग
क्या आपने कभी देखा है कि कोई बड़ा सोशल मीडिया इन्फ़्लुएंसर किसी प्रोडक्ट के बारे में पोस्ट करता है, बताता है कि उसे कितना पसंद आया, और फिर अपने फॉलोअर्स के लिए एक डिस्काउंट कोड देता है?
वही है, इन्फ़्लुएंसर मार्केटिंग और आज ये बेहद इफ़ेक्टिव साबित हो चुकी है।
डेटा दिखाता है कि 86% US मार्केटर्स 2025 में इन्फ़्लुएंसर्स के साथ काम करने की योजना बना रहे हैं, क्योंकि ये चैनल एंगेजमेंट और सेल्स ड्राइव करने में शानदार है।
साथ ही, 86% कंज़्यूमर्स कहते हैं कि उन्होंने साल में कम से कम एक बार किसी इन्फ़्लुएंसर से प्रेरित होकर खरीदारी की है, जो इसके असर को साफ़ दिखाता है।
उदाहरण के लिए, Glossier ने अपने लिप ग्लॉस को प्रमोट करने के लिए Instagram इन्फ़्लुएंसर के साथ पार्टनरशिप की और उनके ज़रिए लोगों तक इसका प्रमोशन किया।
अगर आप ऐसा एफ़िलिएट मार्केटिंग टूल ढूंढ रहे हैं जो क्रिएटर्स को ब्रांड्स से जोड़ने के लिए बनाया गया है, तो Shopify Collabs ट्राय करें।
सर्च इंजन मार्केटिंग (SEM)
Google Ads जैसे प्लेटफ़ॉर्म आपको उन हाई-इंटेंट शॉपर्स तक पहुँचने में मदद करते हैं जो पहले से ही आपके जैसे प्रोडक्ट्स सर्च कर रहे होते हैं।
सही कीवर्ड्स और रिस्पॉन्सिव सर्च ऐड्स के ज़रिए आपका ब्रांड सर्च रिज़ल्ट्स में ऊपर दिखाई देता है, जिससे आपकी वेबसाइट पर क्वॉलिफ़ाइड लीड्स बढ़ती हैं।
अगर आप पेड मार्केटिंग कैंपेन चला रहे हैं, तो यह जानना बहुत ज़रूरी है कि कौन से ऐड्स सेल्स ड्राइव कर रहे हैं।
मार्केटिंग ROI मेज़रमेंट आपको यह समझने में मदद करती है कि कौन-से चैनल्स और टचपॉइंट्स (जैसे सोशल ऐड, ईमेल, या इन्फ़्लुएंसर पोस्ट) कन्वर्ज़न ला रहे हैं, ताकि आप अपनी स्पेंडिंग को और स्मार्ट तरीके से ऑप्टिमाइज़ कर सकें।
अट्रीब्यूशन टूल से ROI मापें
अट्रीब्यूशन मॉडल ये समझने में मदद करते हैं कि कौन-से ऐड्स सच में परचेज़ेज़ ड्राइव कर रहे हैं।
जैसे, मल्टी-टच अट्रीब्यूशन कस्टमर के बाय करने से पहले के हर स्टेप को ट्रैक करता है और हर इंटरैक्शन को थोड़ा-थोड़ा क्रेडिट देता है।
इन इनसाइट्स की मदद से आप साफ़ देख सकते हैं कि कौन-सा कैंपेन काम कर रहा है और जो नहीं कर रहा, उसे आसानी से कट कर सकते हैं।
शुरुआत कैसे करें:
- बिल्ट-इन एनालिटिक्स का इस्तेमाल करें: Meta Ads, Google Ads, और Shopify जैसे प्लेटफ़ॉर्म्स अपने अंदर ही पॉवरफुल एनालिटिक्स देते हैं, जिससे आपको कैंपेन परफ़ॉर्मेंस का पूरा डेटा मिल जाता है।
- अट्रीब्यूशन टूल्स ट्राय करें: TrueProfit, Usermaven, और Improvado जैसे जैसे टूल्स आपकी पूरी कस्टमर जर्नी का क्लियर पिक्चर देते हैं, बताते हैं कि कौन-से चैनल्स आपके कन्वर्ज़न्स में सबसे ज़्यादा रोल निभा रहे हैं।
- टेस्टिंग करते रहें: अपने ऐड क्रिएटिव्स, मैसेजिंग, और ऑफ़र्स पर लगातार ए/बी टेस्ट्स चलाएँ ताकि आपको पता चले कि क्या सबसे बेहतर रिज़ल्ट दे रहा है।
प्रो टिप: अपनी ऑडियंस के साथ दुगने तक ज़्यादा रीटार्गेटिंग कन्वर्ज़न्स ड्राइव करें और सिर्फ़ शॉपिफ़ाय पर अवेलेबल कॉमर्स इनसाइट्स का पूरा फायदा उठाएँ।
9. एजुकेशनल SEO कंटेंट पब्लिश करें
एजुकेशनल कंटेंट कस्टमर को आपके ब्रैंड तक पहुँचने, उस पर ट्रस्ट बनाने और बिना लगातार ऐड स्पेंड किए लॉन्ग-टर्म ट्रैफिक लाने में मदद करती है।
पेड ऐड्स के उलट, जो बजट खत्म होते ही बंद हो जाते हैं, सर्च-ऑप्टिमाइज़्ड कंटेंट महीनों या सालों तक आपके लिए काम करता रह सकता है।
कंटेंट मार्केटिंग में बहुत कुछ आता है, ब्लॉग पोस्ट्स, वीडियोज़, सोशल मीडिया, पॉडकास्ट्स, और ईमेल्स यानी ऐसा कुछ भी जो आपकी ऑडियंस को कुछ सिखाए और आपको उनके लिए एक गो-टू रिसोर्स बना दे।
धीरे-धीरे, इससे आपकी सर्च विज़िबिलिटी बढ़ती है, सही विज़िटर्स आते हैं, और कस्टमर लॉयल्टी मज़बूत होती है।
उदाहरण के लिए, Four Sigmatic, जो अपनी बेहतरीन कॉफ़ी के लिए जाना जाता है, अपने ब्लॉग पर SEO-ऑप्टिमाइज़्ड आर्टिकल्स डालता है जहाँ वो अपने फ़ंक्शनल इंग्रेडिएंट्स के फायदे बताते हैं।
कस्टमर को एजुकेट करने पर ध्यान देकर ये ब्रैंड बिना ज्यादा पेड ऐड्स चलाए भी कंसिस्टेंट ट्रैफिक पाता है।
सिर्फ पब्लिश न करें, डिस्ट्रिब्यूट करें
सिर्फ अच्छा कंटेंट क्रिएट करना आधी जंग जीतना है। असली असर तब होता है जब आप उसे सही तरीके से डिस्ट्रिब्यूट करते हैं।
अपनी रीच बढ़ाने के तरीके:
- चैनल्स के हिसाब से रिपर्पस करें: अपने ब्लॉग पोस्ट्स को छोटे वीडियोज़, सोशल पोस्ट्स, या ईमेल कंटेंट में बदलें ताकि अलग-अलग ऑडियंस तक पहुँचा जा सके।
- SEO टूल्स यूज़ करें: Ahrefs या SEMrush जैसे प्लेटफ़ॉर्म्स से पता लगाएँ कि आपका ऑडियंस किन कीवर्ड्स को सर्च कर रहा है, और उसी हिसाब से कंटेंट बनाएं।
- बैकलिंक्स बिल्ड करें: दूसरे रिलिवेंट ब्रैंड्स या क्रिएटर्स के साथ पार्टनर करें ताकि वे आपके कंटेंट को लिंक बैक करें, इससे आपकी सर्च रैंकिंग्स भी बूस्ट होती हैं।
- कंसिस्टेंटली शेयर करें: अपने न्यूज़लेटर और सोशल मीडिया पर नया कंटेंट शेयर करते रहें। और हाँ, अपने टॉप परफ़ॉर्मिंग पोस्ट्स को दोबारा शेयर करने से मत झिझकें।
सही SEO स्ट्रैटेजी और स्मार्ट डिस्ट्रिब्यूशन मिक्स के साथ, आपका कंटेंट न सिर्फ़ क्वालिफ़ाइड ट्रैफिक लाएगा, बल्कि कस्टमर को एजुकेट, एंगेज, और कन्वर्ट करने का एक पावरफुल टूल बनेगा।
10. अपने ट्रैफिक को ज़्यादा कन्वर्ट करें
जब आप अपनी वेबसाइट पर लगातार ट्रैफिक ड्राइव करने लगते हैं, तो ग्रोथ का अगला स्मार्ट कदम होता है, उसी ट्रैफिक से ज़्यादा लोगों को पेइंग कस्टमर में बदलना।
यही काम करता है कन्वर्ज़न रेट ऑप्टिमाइज़ेशन (CRO) यानी छोटे-छोटे बदलाव जो ज़्यादा शॉपर्स को पर्चेस कम्प्लीट करने के लिए मोटिवेट करते हैं।
CRO अक्सर नए ट्रैफिक खरीदने से ज़्यादा कॉस्ट-इफेक्टिव होता है, क्योंकि आप अपने मौजूदा मार्केटिंग एफर्ट्स से ही बेहतर रिटर्न्स निकाल पाते हैं।
सोचिए, जैसे आप फनल से किसी बोतल में साबुन डाल रहे हैं, लेकिन उस फनल में कुछ छोटे-छोटे छेद (होल्स) हैं।
आप कितना भी साबुन डालें, कुछ न कुछ तो रास्ते में गिर ही जाएगा।
आपका ऑनलाइन स्टोर भी वैसा ही है, सिर्फ़ और ज़्यादा ट्रैफिक लाने से बेहतर है कि पहले लीक्स (स्लो चेकआउट पेजेज़, कन्फ्यूज़िंग प्रोडक्ट डिस्क्रिप्शन्स, मिसिंग ट्रस्ट सिग्नल्स) को फिक्स करें।
अपने चेकआउट फ्लो को टाइट करने के लिए Shop Pay जैसे टूल्स का इस्तेमाल करें, ये बाइंग प्रोसेस को तेज़, आसान और भरोसेमंद बनाते हैं।
एक स्मूद एक्सपीरियंस ही वो चीज़ है जो विज़िटर को “सोचने” से “खरीदने” की तरफ ले जाती है।
मुख्य तत्वों को बेहतर बनाने के लिए A/B टेस्ट चलाएं
अपने स्टोर को ऑप्टिमाइज़ करने के सबसे अच्छे तरीक़ों में से एक है ए/बी टेस्टिंग के ज़रिए।
इसका मतलब है किसी पेज एलिमेंट के दो अलग-अलग वर्ज़न टेस्ट करना जैसे प्रोडक्ट हेडलाइन, कॉल-टू-एक्शन बटन, या इमेज, ताकि देखा जा सके कि कौन-सा वर्ज़न ज़्यादा अच्छा परफॉर्म करता है।
छोटे-छोटे बदलाव भी बड़ा फर्क ला सकते हैं। उदाहरण के लिए, अपने ऐड टू कार्ट बटन का कलर बदलना या प्रोडक्ट डिस्क्रिप्शन को थोड़ा री-राइट करना ज़्यादा कम्प्लीटेड चेकआउट्स तक ले जा सकता है।
Shopify A/B Testing, Google Optimize, या Convert जैसे टूल आपको खुद कुछ भी कोड किए बिना ये टेस्ट चलाने में मदद कर सकते हैं।
CRO (कन्वर्ज़न रेट ऑप्टिमाइज़ेशन) एक कंटिन्युअस प्रोसेस है, लेकिन हर इम्प्रूवमेंट आपको हर विज़िटर से ज़्यादा फायदा उठाने के थोड़ा और करीब ले आती है, आपके हार्ड-अर्न्ड ट्रैफिक में से ज़्यादा लोगों को पेइंग कस्टमर में बदलती है।
11. सोशल कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म का इस्तेमाल करें
सोशल कॉमर्स कस्टमर को उनके पसंदीदा ऐप्स छोड़े बिना ही आपके प्रोडक्ट्स देखने और खरीदने की सुविधा देता है। Instagram Shopping और Facebook Shops जैसे प्लेटफ़ॉर्म्स आपके सोशल कंटेंट को एक स्टोरफ़्रंट में बदल देते हैं। इसका मतलब है कि कस्टमर स्क्रोल, क्लिक, और बाय, सब कुछ एक ही जगह पर कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए, इंस्टाग्राम पर आप पोस्ट्स, स्टोरीज़, और रील्स में अपने प्रोडक्ट्स टैग कर सकते हैं, जो सीधे आपके कैटलॉग से लिंक होते हैं।
सोशल कॉमर्स क्यों काम करता है:
- शॉपर्स पहले से ही सोशल प्लेटफ़ॉर्म्स पर घंटों बिताते हैं।
- इन-ऐप पर्चेसेज़ बाइंग प्रोसेस से फ्रिक्शन कम करते हैं।
- यह पूरी तरह मोबाइल-फर्स्ट है, यानी आज लोग जैसे ब्राउज़ और शॉप करते हैं, उसी के अनुरूप।
शुरुआत कैसे करें:
अपने प्रोडक्ट कैटलॉग को अपने सोशल प्रोफाइल्स से कनेक्ट करें और अपने पोस्ट्स में प्रोडक्ट टैग करना शुरू करें। कंटेंट को कैज़ुअल और हर प्लेटफ़ॉर्म के लिए नेटिव रखें, यानी बहुत पॉलिश्ड ऐड्स के बजाय छोटे, एंगेजिंग वीडियोज़ बनाएं।
गोल यह है: शॉपर्स तक वहीं पहुंचना जहां वे पहले से हैं और उनके लिए खरीदारी एक्सपीरियंस को जितना हो सके आसान बनाना।
12. सस्टेनेबल प्रोडक्ट मार्केटिंग प्रैक्टिसेज़ इम्प्लिमेंट करें
आज के शॉपर्स सिर्फ प्राइस की परवाह नहीं करते वो ऐसे ब्रैंड्स को सपोर्ट करना चाहते हैं जो उनकी वैल्यूज़ से मेल खाते हैं।
सस्टेनेबल प्रोडक्ट मार्केटिंग का मतलब है अपने प्रोडक्ट्स को ऐसे तरीके से प्रमोट करना जो एथिकल, ट्रांसपेरेंट, और एनवायरनमेंटली रिस्पॉन्सिबल हो।
यह शुरुआत होती है खुद प्रोडक्ट्स से, लेकिन यह इस बात तक भी फैलता है कि आप उनके बारे में कैसे बात करते हैं, उन्हें कैसे पैकेज करते हैं, और कैसे शिप करते हैं।
ज़्यादा सस्टेनेबल अप्रोच बनाने के तरीके:
- अपनी ईको-फ्रेंडली प्रैक्टिसेज़ को हाइलाइट करें। अगर आपके प्रोडक्ट्स रीसायकल्ड मटीरियल्स से बने हैं, एथिकली सोर्स्ड हैं, या कंपोस्टेबल मटीरियल्स में पैकेज्ड हैं, तो यह ज़रूर बताएं। ट्रस्ट बनाने के लिए स्पेसिफिक और ट्रांसपेरेंट रहें।
- अपने ब्रैंड की स्टोरी बताएं। बिहाइंड-द-सीन्स कंटेंट शेयर करें जो दिखाए कि आपका ब्रैंड कैसे वेस्ट कम करता है या एथिकल सप्लाई चेन को सपोर्ट करता है।
- लो-इम्पैक्ट मार्केटिंग चैनल्स का इस्तेमाल करें। ब्लॉग पोस्ट्स, ईमेल, और ऑर्गेनिक सोशल मीडिया जैसे डिजिटल कंटेंट का एनवायरनमेंटल फुटप्रिंट प्रिंटेड फ्लायर्स या मास मेलर्स से कम होता है।
- अपने क्लेम्स को बैक अप करके ग्रीनवॉशिंग से बचें। कस्टमर अब समझदार हैं। अपनी मैसेजिंग को ऑथेंटिक और क्रेडिबल बनाए रखने के लिए हर क्लेम को सर्टिफिकेशन्स या डेटा से सपोर्ट करें।
Package Free और Allbirds जैसे ब्रैंड्स ने सस्टेनेबिलिटी को अपनी प्रोडक्ट और मार्केटिंग स्ट्रैटेजीज़ के हार्ट में रखकर लॉयल फॉलोइंग्स बनाई हैं।
जब आप परपज़ के साथ लीड करते हैं, तो आप सिर्फ बायर्स को अट्रैक्ट नहीं करते, आप एक ऐसी कम्युनिटी बनाते हैं जो आपके काम पर बिलीव करती है।
प्रोडक्ट मार्केटिंग की सफलता को कैसे मापें
आपने अपना प्रोडक्ट लॉन्च किया है, अलग कैम्पेन्स टेस्ट किए हैं, और अपने ऑडियंस को एंगेज किया है। अब टाइम है यह मेज़र करने का कि क्या रिज़ल्ट्स ड्राइव कर रहा है। सही मेट्रिक्स ट्रैक करना आपको क्लियर पिक्चर देगा कि क्या काम कर रहा है और कहां इंप्रूव करना है।
यहाँ कुछ मुख्य परफॉरमेंस इंडिकेटर (KPIs) हैं जिन पर नज़र रखना चाहिए:
- कन्वर्ज़न रेट (Conversion Rate): मेज़र करता है कि कितने विज़िटर्स पर्चेज़ कम्प्लीट करते हैं। स्ट्रॉन्ग कन्वर्ज़न रेट का मतलब है कि आपकी मैसेजिंग, प्रोडक्ट पेजेज़, और ऑफ़र्स रिसोनेट कर रहे हैं।
- रिटर्न ऑन ऐड स्पेंड (ROAS): यह डिटरमिन करने में मदद करता है कि आपके पेड कैम्पेन्स प्रॉफ़िटेबल हैं या नहीं।
- कस्टमर एक्विज़िशन कॉस्ट (CAC): बताता है कि नया कस्टमर पाने में कितना कॉस्ट आता है। टाइम के साथ इसे लोअर करना दिखाता है कि आपकी मार्केटिंग ज़्यादा एफ़िशिएंट है।
- कस्टमर लाइफ़टाइम वैल्यू (CLTV): एस्टिमेट करता है कि एक कस्टमर टाइम के साथ कितना रेवेन्यू लाता है। हाई CLTV स्ट्रॉन्ग रिटेंशन और रीपीट पर्चेज़िंग को इंडिकेट करता है, जो अक्सर ग्रेट प्रोडक्ट मार्केटिंग से ड्रिवन होता है।
- ईमेल साइन-अप और एंगेजमेंट रेट्स: गॉज करते हैं कि आपके कैम्पेन्स कितनी अच्छी तरह इंटरेस्ट कैप्चर करते हैं और लोगों को एंगेज रखते हैं।
- ट्रैफ़िक सोर्सेज़ और अट्रिब्यूशन: ट्रैक करते हैं कि कौन से चैनल्स, जैसे सोशल मीडिया, सर्च, या ईमेल, सबसे ज़्यादा क्वालिफ़ाइड ट्रैफ़िक और कन्वर्ज़न्स ड्राइव करते हैं।
ट्रैकिंग को आसान बनाने के लिए, Shopify के बिल्ट-इन एनालिटिक्स, Google Analytics, या Triple Whale या TrueProfit जैसे अट्रिब्यूशन प्लेटफ़ॉर्म्स का इस्तेमाल करें। ये मेट्रिक्स आपकी मार्केटिंग ROI मेज़रमेंट स्ट्रैटेजी का कोर बनाते हैं, ताकि आप उस पर फ़ोकस कर सकें जो काम कर रहा है, और जो नहीं कर रहा उसे कट कर सकें।
अपने प्रोडक्ट को मार्केट करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?
पांच मार्केटर्स से पूछें और आपको पांच अलग-अलग जवाब मिलेंगे। लेकिन सबसे इफ़ेक्टिव स्ट्रैटेजीज़ में कुछ कॉमन चीज़ें होती हैं:
- वे आपके टार्गेट कस्टमर की डीप अंडरस्टैंडिंग पर बिल्ट होती हैं।
- वे लॉन्ग-टर्म ग्रोथ पर फ़ोकस करती हैं।
- वे इतनी फ़्लेक्सिबल होती हैं कि आप जो सीखते हैं उसके अनुसार ईवॉल्व हो सकें।
OSEA Malibu की को-फाउंडर और CEO मेलिसा पामर के लिए, इफ़ेक्टिव प्रोडक्ट मार्केटिंग की तरफ़ जर्नी एक मेजर माइंडसेट शिफ्ट के साथ आई।
“मैं अपनी ईमेल मार्केटिंग के हर सिंगल वर्ड को लेकर ऑब्सेस करती थी। मैं सब कुछ रीडिज़ाइन करती थी — मुझे लगता था कि सब कुछ परफ़ेक्ट होना चाहिए। फिर मैंने खुद को A/B टेस्ट करना शुरू किया यह देखने के लिए कि क्या मेरा ऑब्सेसिवली पॉलिश्ड वर्ज़न वास्तव में बेहतर परफ़ॉर्म करता है... और ऐसा नहीं था,” मेलिसा एक्सप्लेन करती हैं।
“उसने मुझे सिखाया कि कभी-कभी आपको बस गो विद द फ्लो करना होता है और चलते-चलते सीखना होता है। मुझे लगता है कि यह माइंडसेट पूरी मार्केटिंग पर अप्लाई होता है। लेकिन जब प्रोडक्ट की बात आती है, तो वहीं आपका टाइम सबसे ज़्यादा मैटर करता है। प्रोडक्ट को नेल करें, और फिर आप अपनी मार्केटिंग के साथ बहुत ज़्यादा एक्सपेरिमेंटल हो सकते हैं।”
दूसरे शब्दों में: परफ़ेक्शन का इंतज़ार मत करें। छोटी शुरुआत करें, जल्दी इटरेट करें, और एक अच्छे प्रोडक्ट फ़ाउंडेशन से शुरू करें।
रीकैप करने के लिए, सबसे अच्छी प्रोडक्ट मार्केटिंग प्लान्स में अक्सर शामिल होता है:
- क्लियर पोज़िशनिंग और ब्रांडिंग
- SEO-ऑप्टिमाइज़्ड कंटेंट और स्मार्ट डिस्ट्रीब्यूशन
- पर्सनलाइज़्ड ईमेल और SMS कैम्पेन्स
- पेड मार्केटिंग और इन्फ्लुएंसर पार्टनरशिप्स
- कन्वर्ज़न रेट ऑप्टिमाइज़ेशन
- सोशल कॉमर्स और सस्टेनेबल मैसेजिंग
आपको एक साथ सब कुछ करने की ज़रूरत नहीं है। एक या दो स्ट्रैटेजीज़ से शुरुआत करें जो आपके बिज़नेस के अनुकूल हों और वहाँ से बिल्ड करें। जब आप वैल्यू, कंसिस्टेंसी, और कस्टमर एक्सपीरियंस पर फ़ोकस करते हैं, तो प्रोडक्ट मार्केटिंग सिर्फ़ प्रमोशन नहीं रह जाती, यह एक ग्रोथ इंजन बन जाती है।
प्रोडक्ट मार्केटिंग से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
नए प्रोडक्ट को कैसे मार्केट करते हैं?
अपने प्रोडक्ट के लिए मार्केट डिमांड को वैलिडेट करके शुरुआत करें, फिर अर्ली कस्टमर्स तक पहुँचने के लिए पेड मार्केटिंग का इस्तेमाल करें।
ब्लॉग पोस्ट्स, वीडियोज़, सोशल मीडिया, पॉडकास्ट्स, या ईमेल्स के ज़रिए SEO और कॉन्टेंट मार्केटिंग जैसी ऑर्गैनिक मार्केटिंग को इंट्रोड्यूस करें और अपनी वेबसाइट पर ज़्यादा ट्रैफ़िक को कन्वर्ट करें।
कस्टमर को अपना प्रोडक्ट खरीदने के लिए कैसे आकर्षित करें?
- लॉयल्टी प्रोग्राम पेश करें।
- ईमेल विन-बैक कैम्पेन बनाएं।
- ईमेल या SMS साइन-अप पर कूपन कोड भेजें।
- तय समय पर नए उत्पाद जारी करें।
- सदस्यता मॉडल बनाएँ।
- मीन, मीडियन, और मोड को अपने फ़ायदे के लिए इस्तेमाल करें।
- क्रॉस-सेल और अपसेल रणनीतियों को सही करें।
- पेड मार्केटिंग से शुरुआत करें।
- शैक्षणिक SEO कंटेंट पब्लिश करें।
- अपने ट्रैफ़िक को ज़्यादा कन्वर्ट करें।
प्रोडक्ट को असरदार तरीके से कैसे मार्केट करते हैं?
इन तीन मुख्य नतीजों पर ध्यान केंद्रित करें:
- प्रति ग्राहक ख़रीद की कुल संख्या बढ़ाएं।
- औसत ऑर्डर वैल्यू (AOV) बढ़ाएं।
- ग्राहक की कुल संख्या बढ़ाएं।
2026 में प्रोडक्ट मार्केटिंग के टॉप ट्रेंड्स?
- AI-पावर्ड पर्सनलाइज़ेशन: अब मार्केटिंग “one-size-fits-all” नहीं रही। AI टूल्स कस्टमर के बेहेवियर के आधार पर प्रोडक्ट रिकमेंडेशन, ईमेल फ्लो, और ऐड टार्गेटिंग को कस्टमाइज़ कर रहे हैं।
- सोशल कॉमर्स: Instagram शॉपिंग जैसे प्लेटफ़ॉर्म कंटेंट को सीधे कन्वर्ज़न में बदलना आसान बना रहे हैं। अब लोग ऐप छोड़े बिना शॉप कर रहे हैं।
- ज़ीरो-पार्टी डेटा: ब्रांड अब क्विज़, सर्वे और प्रेफरेंसेज़ के ज़रिए कस्टमर से सीधे इनसाइट्स कलेक्ट कर रहे हैं ताकि और ज़्यादा रिलिवेंट मैसेजिंग भेजी जा सके।
- सस्टेनेबल मार्केटिंग: अब ईको-फ्रेंडली प्रोडक्ट्स और ट्रांसपेरेंट ब्रांड वैल्यूज़ “अच्छा होगा तो ठीक है” वाली चीज़ नहीं रही, अब ये कस्टमर की एक्सपेक्टेशन हैं।
- शॉर्ट-फॉर्म वीडियो कंटेंट: स्नैकेबल प्रोडक्ट डेमोज़, बिहाइंड-द-सीन्स क्लिप्स, और क्रिएटर कोलैब्स सोशल मीडिया पर सीरियस एंगेजमेंट ड्राइव कर रहे हैं।


